सारी दुनिया में
ऐसा कोई मनुष्य नहीं
जिसको यह पता हो कि
यह पुरूषोत्तम संगमयुग है।
यह है पुरूषोत्तम संगमयुग। जबकि पुरानी दुनिया खत्म हो
और नई दुनिया स्थापन होती है। सारी नई दुनिया बननी है।